आज कानपुर के जिला न्यायालय परिसर में पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी की पेशी के दौरान न्यायिक प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। पेशी के मद्देनज़र पुलिस प्रशासन ने न्यायालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में मजबूत सुरक्षा घेरा बनाया। पुलिस बल के साथ-साथ अतिरिक्त फोर्स की तैनाती भी की गई ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
- इरफान सोलंकी को जजमऊ आगजनी प्रकरण में सात वर्ष की सज़ा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता स्वतः समाप्त हो गई थी। यह मामला अभी भी उच्च न्यायालय और अन्य अदालतों में विचाराधीन है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी है, लेकिन उनकी सजा पर फिलहाल रोक नहीं लगी है।
प्रशासन की तैयारियां
न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की चेकिंग की गई। पेशी के दौरान मीडिया और समर्थकों को निर्धारित क्षेत्र में ही रहने का निर्देश दिया गया। किसी भी तरह की अफवाह फैलने से रोकने के लिए सतर्कता बरती गई।
पुलिस अधिकारियों ने पूरे समय न्यायालय परिसर की निगरानी की।
सियासी प्रतिक्रिया
इरफान सोलंकी के समर्थक बड़ी संख्या में न्यायालय पहुंचे और शांतिपूर्वक अपना समर्थन जताया। समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इसे न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और उम्मीद जताई कि आगे की सुनवाई में उन्हें राहत मिलेगी।
वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि न्यायालय के आदेशों का पूर्ण सम्मान किया जाएगा और हर पेशी के दौरान सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतज़ाम किए जाते रहेंगे।
निष्कर्ष
यह मामला कानूनी प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरण में है। प्रशासन और पुलिस का प्रयास है कि सुनवाई के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो और सभी पक्षों को निष्पक्ष न्याय मिल सके। आगामी तारीखों पर भी इसी प्रकार सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।